Secular - धर्म निरपेक्ष ।।
भारत धर्म निरपेक्ष हैं , फिर धर्म की पढ़ाई कॉलेज में क्यूँ । अगर हैं तो सिर्फ़ विशेष धर्म क्यूँ ।
कल स्वतंत्रता दिवस हैं । पूछना था इसका तात्पर्य क्या हैं ।
कुछ लोग फ़ेस्बुक पेस्ट पर दंगा करते हैं और कुछ लोग भोजन के प्रकार पर नंगा करते हैं ।
आपको अभिव्यक्ति का अधिकार हैं फिर कुछ विशेष पोस्ट पर आपत्ति और कुछ को नज़रअन्दाज़ ।
अगर धर्म व्यक्तिगत विषय हैं तो देश में धर्म की राजनीति और वोट बैंक क्यूँ ।
मातृभाषा पर गतिरोध , विदेशी भाषा सम्मान का विषय ।
संस्कृत की जहां उपज हुई वहाँ इसकी कोई इज्जत नहीं ।
I am not that good in Hindi you know .. ये वक्तव्य आपका क्लास दिखाता हैं ।
हिंदी की पढ़ाई अंग्रेज़ी माध्यम में होती हैं । गणित अब मैथेमैटिक्स हो गया हैं । भौतिकी और रसायन ?? अच्छा ये physics chemistry हैं ।
आयुर्विज्ञान संस्थान में आयुर्वेद का विभाग हैं या नहीं कोई नहीं जानता । कुछ लोग मेरा पोस्ट पढ़ कर शायद समझेंगे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और कोई नहीं AIIMS हैं ।
तमिल और तेलुगु साहित्य - अच्छा ये भी हैं क्या ?? Shakespeare को कौन नहीं जानता ? रंगनाथ होगा कोई , हमारे यहाँ बस हरिवंश जी अपने पुत्र के कारण जाने जाते हैं बाक़ी किताब अब कौन पढ़ता हैं भई ??
किष्किन्धा और नालंदा के पुस्तकालय के ५ करोड़ पुस्तक को कब किसने जलाया किसी को पता नहीं पर बख़्तियारपुर ई वाला जगह हमार पूरा बिहार जानता हैं हो ।।
पतंजलि अब बस एक कम्पनी का नाम हैं । कितने बच्चे ये जानते हैं की वो कौन थे ?
प्रश्न बस यही हैं , बाबा बोलते थे गया में गांधी जी आये थे तो राजेंद्र आश्रम में उनके सामने कांग्रिस में शामिल हुए । देश को आज़ाद करवाए ऐसा सुने । गया के पंचमोहल्ला के बैठक में मेरे से आज़ादी पर भाषण भी दिलाते थे । लेकिन ये मिली कब और कैसे ?
अभिव्यक्ति की आज़ादी - हैं क्या ?
मातृभाषा में सोचने की आज़ादी, पढ़ने की आज़ादी समाज और झूठा क्लास देगा नहीं ।
संस्कृति की आज़ादी- आप तो निरपेक्ष हैं ना ।
क्या हम आज़ाद हो गए ये प्रश्न अनवरत मेरा दिमाग़ मेरे हृदय से पूछ रहा ।। सोच कर बताऊँगा ।
जय श्री राम । जय हिंद ।